8th Pay Commission: देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खबर आई है। 8वें वेतन आयोग यानी 8th Pay Commission को लेकर वित्त मंत्रालय ने आखिरकार संसद में अपनी चुप्पी तोड़ी है। लंबे समय से कर्मचारी संगठन मांग कर रहे थे कि महंगाई भत्ता यानी DA को मूल वेतन में जोड़ा जाए ताकि बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके। लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
8वें वेतन आयोग को लेकर क्या बोला वित्त मंत्रालय
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में लिखित जवाब देते हुए बताया कि सरकार ने 3 नवंबर 2025 को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कर दिया है। इसके तहत एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है जिसमें जस्टिस रंजन प्रभाकर देसाई अध्यक्ष हैं, प्रोफेसर पुलक घोष सदस्य हैं और पंकज जैन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि आयोग को अपना काम पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है।
DA को बेसिक पे में जोड़ने पर सरकार का रुख
कर्मचारियों और पेंशनरों की सबसे बड़ी उम्मीद यह थी कि सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला देगी ताकि उनकी आय में कुछ स्थिरता आ सके। लेकिन सरकार ने संसद में यह स्पष्ट कर दिया कि इस समय महंगाई भत्ता और मूल वेतन को जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि फिलहाल कर्मचारियों को हर छह महीने में DA की बढ़ोतरी का इंतजार ही करना होगा जैसा अब तक होता आया है।
क्यों नाराज़ हैं कर्मचारी संगठन
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस रुख पर नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि 8वें वेतन आयोग की शर्तों यानी Terms of Reference में कई अहम बातें शामिल नहीं की गई हैं। इनमें पेंशनरों का जिक्र स्पष्ट रूप से नहीं है जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि नया वेतन ढांचा कब से लागू होगा, जिससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कर्मचारी यूनियनों का यह भी कहना है कि सरकार ने उनके सुझावों को नजरअंदाज कर दिया है। कर्मचारियों ने उम्मीद की थी कि इस आयोग में न्यूनतम वेतन तय करने का नया फॉर्मूला और वेतन असमानता दूर करने के उपाय शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
महंगाई भत्ते के विलय की जरूरत क्यों महसूस हो रही थी
पिछले दो सालों में महंगाई लगातार बढ़ी है। खाने पीने की चीजों, ईंधन और घरेलू सामानों की कीमतों में तेजी आई है जिससे आम कर्मचारियों की जेब पर असर पड़ा है। महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिलाने से कर्मचारियों की पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य भत्तों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता। लेकिन सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
अब 8वां वेतन आयोग अपने काम की शुरुआत करेगा। यह विभिन्न विभागों से आंकड़े जुटाएगा, सुझाव लेगा और अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। हालांकि कर्मचारी संगठनों की असंतुष्टि को देखते हुए आने वाले महीनों में इस विषय पर विरोध या ज्ञापन अभियान तेज हो सकता है।