DAP Urea New Rate 2025: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, खाद की कीमत में आई बड़ी गिरावट

DAP Urea New Rate 2025: देश के किसानों के लिए साल 2025 की शुरुआत खुशियों से भरी रही है क्योंकि अब खेती में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली डीएपी और यूरिया खाद की कीमतों में भारी राहत मिली है। लगातार बढ़ती महंगाई के बीच यह खबर किसानों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। सरकार ने एक बार फिर से सब्सिडी बढ़ाकर खाद के दामों को स्थिर रखने का फैसला लिया है ताकि किसानों को खेती का खर्च कम पड़े और फसल की पैदावार पर कोई असर न हो।

DAP और Urea क्या होती है

डीएपी यानी डाय-अमोनियम फॉस्फेट एक ऐसी खाद होती है जिसमें फास्फोरस की मात्रा सबसे अधिक होती है। यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाती है और फसल को तेजी से बढ़ने में मदद करती है। गेहूं, चावल, दाल और मक्का जैसी फसलों में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।

वहीं यूरिया नाइट्रोजन वाली खाद होती है जो पौधों को हरा-भरा बनाए रखती है। यह सफेद दाने जैसी दिखती है और भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली खादों में से एक है। यूरिया फसल की पत्तियों को पोषण देती है और उसकी वृद्धि को दोगुना कर देती है।

DAP Urea की नई कीमत क्या है

सरकार ने अक्टूबर 2025 तक डीएपी और यूरिया की कीमतों को नियंत्रण में रखा है ताकि किसानों को किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो। सब्सिडी की वजह से इन खादों की दरें पिछले साल की तरह ही रखी गई हैं।

डीएपी की नई दर 50 किलो की बोरी के लिए 1350 रुपये तय की गई है। असल में इसकी कीमत सब्सिडी के बिना करीब 3500 रुपये तक जाती है लेकिन सरकार की सहायता से किसानों को यह कम दामों पर मिलती है।

वहीं यूरिया की कीमत 45 किलो की बोरी के लिए 242 रुपये है। अगर टैक्स और अन्य खर्च शामिल किए जाएं तो असली लागत करीब 2366 रुपये प्रति बोरी होती है लेकिन किसानों को सब्सिडी का फायदा मिलने से उन्हें केवल निर्धारित मूल्य ही चुकाना पड़ता है।

किसानों के लिए सरकार की मदद

भारत सरकार हर साल करोड़ों रुपये की सब्सिडी खाद कंपनियों को देती है ताकि किसानों को सस्ता माल मिले। साल 2025 में भी किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी की राशि बढ़ाई गई है। इसी वजह से इस साल डीएपी और यूरिया दोनों खादों के दामों में कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ है।

इसके अलावा सरकार ने खाद की सप्लाई पर भी खास ध्यान दिया है ताकि किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सके। रिपोर्ट के अनुसार इस साल यूरिया का उत्पादन करीब 35 प्रतिशत बढ़ा है जिससे बाजार में इसकी कमी नहीं होगी।

DAP और Urea का सही उपयोग कैसे करें?

डीएपी खाद को फसल बोने के समय खेत में डालना चाहिए। ज्यादा मात्रा में डालने से पौधों की जड़ें जल सकती हैं इसलिए प्रति एकड़ केवल 20 से 25 किलो डीएपी का ही प्रयोग करें।

वहीं यूरिया को फसल के बढ़ने के दौरान 2 से 3 बार में देना चाहिए। इसे हमेशा पानी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें ताकि हवा में उड़ न जाए।

खरीदारी करते समय सरकारी मान्यता प्राप्त केंद्रों से ही खाद लें और नकली खाद से बचें। अगर किसी खाद की गुणवत्ता पर शक हो तो अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से सलाह जरूर लें।

Leave a Comment